I love looking at Banyan tree mesmerising beauty.
The gigantic banyan tree inhabits the soul of the gods.
Banyan branches swinging in the wind
Paying tribute to the earth touching the ground,
Smells the fragrance of the soil.
The sun, wind, water nourishes the soil.
The branches go deep in the ground.
Slowly root is sprouted deep in the soil
And a new tree is born.
The older the tree is the stronger it is.
The Great soul of banyan tree is
A symbol of love and compassion.
Banyan love never diminishes.
A place for children to play,
Someone said I left my child hood under the tree
The tree is still here but my childhood has gone.
Giving shade to travelers and shelter to the needy.
Great support of all birds,
Big and small flocks of birds
Sit on the tree and chirping and take flight.
Everything of banyan tree is very useful.
Ayurveda doctors treat several diseases
With different parts of this tree.
Lord Krishna danced under banyan tree
With his friends and played flute.
Gautama Buddha received enlightenment
Under the banyan in India.
The tree neither hate nor doubts.
Keeps blooming despite extreme heat and horrified storms.
Banyan tree see people grow, fall again grow.
Also see people fall and never grow again.
In Asian countries people worship banyan tree for their welfare.
Banyan tree stands strong through out life alone.
Banyan tree takes years to flourish.
Evolve slowly through trials
Tribulations and sufferings.
Great soul great self reliance.
TEACH US BE PATIENT
बरगद के पेड़ की सुंदरता देखकर मन होता मुग्ध
विशाल बरगद पेड़ में बिराजती देवताओं की आत्मा।
हवा में झूलती हुई बरगद की शाखा
जमीन को छूती अर्पित करती धरती को श्रद्धांजलि।
मिट्टी की सौंधी सौंधी खुशबू है महकती।
सूरज, हवा,पानी मिट्टी शाखाओं को करते पोषित।
शाखाएं जमीन में गहराई तक पहुँचकर
धीरे-धीरे जड़ मिट्टी में अंकुरित
नन्हा पौध मुखरित हो मिट्टी से झाँकते बाहर।
जितना पुराना पेड़ उतना ही होता मजबूत।
बरगद में बसती महान आत्माएँ।
प्रेम,करुणा और निष्ठा का प्रतीक है बरगद।
बरगद का प्यार कभी नहीं होता कम।
बच्चों के खेलने की जगह,
किसी ने कहा- मेरा बचपन पेड़ के नीचे रह गया
पेड़ अभी भी वहीं खड़ा है लेकिन मेरा बचपन चला गया।
यात्रियों को देता छाया जरूरतमंदों को देता आश्रय।
चहचहाते उड़ते बड़े छोटे पक्षी बैठते झुंड में
गाते गाना भरते उड़ान मस्ती में।
बरगद के अंग प्रत्यंग गुणों से है भरे हुए,
आयुर्वेदाचार्य कई व्याधियों का करते इलाज।
बरगद की जड़ी बूटियों के साथ।
भगवान कृष्ण बरगद के नीचे करते थे नृत्य
सखा सखियों संग बजाते थे बांसुरी की ध्वनि मधुर।
गौतम बुद्ध को आत्मज्ञान प्राप्त हुआ
भारत में बरगद के पेड़ के नीचे।
पेड़ न करता नफरत न करता शंका संदेह।
अत्यधिक गर्मी और भयावह तूफान
के बावजूद भी खिलता रहता बरगद।
बरगद ने अनेक लोगों को ऊँचा उठते देखा
गिरते भी देखा फिर से उठते देखा।
ऐसे भी देखा कुछ लोग गिरकर उठ नहीं सके।
एशियाई देशों में कई लोग अपने सुख शान्ति के लिए
बरगद की पूजा अर्चना करते हैं।
बरगद का पेड़ स्वालम्बन से अकेले मजबूत रहता खड़ा।
बरगद के पेड़ को पनपने में सालों लग जाते हैं।
अनेक परीक्षणों के माध्यम से धीरे-धीरे विकसित होकर
कष्ट सहकर खड़ा रहता अपनी सृष्टिमें
एकनिष्ठ दत्तचित बरगद।
महान आत्मा महान आत्मनिर्भरता।
TEACH US BE PATIENT
18. 2. 2020 (FB)