True life with pleasure and pain.
On this special day of my life
An arrangement organized by
the noble parents of two young
Teen age boy and a girl.
For them It was just like a fairy tale
between the two young hearts.
The relationship of true love emerged
unknowingly in two delicate hearts.
Promises were made between
the two immature hearts to maintain :-
Fidelity
Faith between the two
No secrets between the two.
Endurance
Sympathy
Equanimity
Tolerance
Adjustment
Pleasure and Pain
Learn to pause no
Debate in disagreement
In all situations
Top most priority
IN LIFE IS LOVE.
We tried to maintain our promises
in life as far as we could.
Moderately we lived
comfortable life.
Our love was deeper
Our life was fuller
Often we took important
decisions together.
in general we did not have
any complaint from our life.
Life was sweet but it was short
But we all know life is uncertain.
Death is certain but is mysterious.
Most painful to bid goodbye to beloved.
The departure of the beloved
was most heart breaking.
Nothing could avoid death.
Patience teach to bear
the grief-stricken heart.
And Patience trying to heal
the wound of the lemented spirit.
Sweet memories reduce
the depth and weight of saddened soul.
The biggest loss of my life is my love.
Tears of intense fascination
Are pouring over my somber face.
The oxygen of beautiful memories
Enabling help in reducing the pressure.
In high fever we put cold water straps
to bring the high temperature down.
The same way patience teach
to bear the deep mourning.
There is no other way to deal with wailing
Grief is price of love and attachment.
मेरे जीवन के इस विशेष दिन
का श्रेय जाता है हमारे कुलीन
माता-पिता को जिन्होने हमारी
शादी की सुन्दर व्यवस्था का
आयोजन किया।हम दोनो थे
किशोर उम्र के लड़का और लड़की।
हमारे लिये यह एक परियों की कहानी जैसा था।
दो युवा दिलों के बीच सच्चे प्यार का उद्भव हुआ।
दो नाजुक दिलों के बीच वादे कराये गये
दो अपरिपक्व दिलों ने वादे दोहराये:-
सत्य के प्रति निष्ठा
दोनों के बीच विश्वास
दोनों के बीच कोई रहस्य नहीं।
धैर्य
सहानुभूति
समभाव
सहनशीलता
समायोजन
सुख और दुख में रखें समभाव
नहीं करें असहमति में बहस।
सभी स्थितियो में सर्वोच्च
प्राथमिकता दें जीवन में प्यार बना रहे।
अपने वादों को निभाने का
हमने पूरा प्रयास किया।
हमारा परिवार सुख सम्म्पन्न
प्यार का गहरा सागर।
अक्सर हमने जीवन में महत्वपूर्ण
निर्णय मिलकर साथ साथ लिये थे।
सामान्य तौर पर हमें अपने जीवन से
कोई शिकायत नहीं रही।
ऐसे पल क़िस्मत वालों को नसीब होते हैं।
जीवन व्यवस्थित और भरा-पूरा था।
अकस्मात् दुख का ज्वालामुखी फट गया
संताप की अनुभूति से मैं थी अनभिज्ञ
जानते हुए कि मृत्यु का समय है निर्धारित
फिर भी मृत्यु को स्वीकारना अति दुसह्य।
प्रिय की विदाई की विपदा के घेरे में
घिर गया मेरा जीवन।
प्रिय की विदाई थी असह्यनीय
सब्र सिखाता दु:ख दर्द सहना ।
आजीवन विरह की व्याकुलता
का ज़ख़्म कभी किसी का नहीं भरता
प्रिय की मीठी यादों की पट्टी
घाव पर मलहम बन पहुँचाती ठंडक।
प्रिय की यादें पूछ रही रे मन!
तू क्यों हो रहा उदास?
सदा सर्वदा मैं हूँ तेरे पास।
तीव्र मोह के ऑसूँ मेरे निस्तेज
चेहरे पर बरस रहे ऐसे,
जैसे काली घटा सिसक सिसक कर
अम्बर से टपका रही बूँदें
बीते लम्हों का परावर्तन हृदय
को देता शीतल छाया।
दिल की धड़कन को नियंत्रित करने में हैं सक्षम।
तेज बुखार में ठंडे पानी की पट्टियाँ लगाते हम
उच्च तापमान को नीचे लाने के लिए।
उसी तरह दिलासा गहन दुख को कम
करने का यथासम्भव करता प्रयास।
धैर्य के अतिरिक्त दुःख से निपटने का
कोई और तरीका आता नहीं नजर।
दुख प्यार और आशक्ति की
कीमत करता वसूल।
By Durga H Periwal
2021-2-23