The Mysterious universe
The Mysterious universe
I am surprised,
on the creativities
of the mysterious universe.
The wondrous works
of the universe are infinite,
We are unique creation
of the universe.
We can hear
we can speak
we can express our feelings.
Emotion is an integral part
of culture of our life.
Quid pro quo Desires
draw us towards progress.
As human our intention
is to gain power
to control abundance.
We have got tremendous
facilities on this planet
In return universe wants
dedication from us.
Let us honor our colleagues
on this earth floor.
In their need
we should help them
Try to be sincere
decent human being.
Time cycle is controller
of our life span.
Bring us in this universe
and take us back
Someone ahead
someone back
We rotate.
We come and go.
Like ever shining
bright sun rays
shattering in the amber
Night is draped in
Light Black diamonds
Studded silk tassel.
The night is silent,still,
Cool environment.
Kingdom of moon
is the secret of shining
Bright night.
People relax enjoy
Eternal happiness
In peaceful night
Beauty in absolute silence.
Calm and quiet.
ब्रह्माण्ड
आश्चर्यचकित हूँ मैं,
रहस्यमय ब्रह्मांड की कृतियों पर।
ब्रह्माण्ड की विस्मयकारी कृतियॉ असीम,
हम हैं ब्रह्माण्ड का विलक्षण सृजन।
हम सुन सकते हैं बोल सकते हैं
व्यक्त कर सकते हैं अपनी भावनाएँ।
भावना हमारे जीवन की संस्कृति का अभिन्न अंग है।
भावनाओं के अन्तर्गत अभिज्याय
अभिलाषाएँ खींचती हमें प्रगति की ओर।
हमारी चाहत सदैव रहती प्रचुरता पर करें हम नियन्त्रण।
अनन्त सुविधाएँ मिली हमें पृथ्वी से
ब्रह्म भी हमसे चाहता है पूर्ण समर्पण।
भूतल पर हम करें हमारे साथियों को सम्मानित।
बने सहायक उनके और बने हम सभ्य इंसान।
समय चक्र हमारे जीवन का निर्णायक
जैसे नाटककार हमें भेजता रंगमंच पर
हम किरदार निभाते अपना,
जैसे ही ख़त्म होती हमारी भूमिका
स्थानान्तर होता हमारा ।
अन्य आते दूसरा किरदार निभाने।
कालचक्र कभी नहीं रुकता
हम घुमते रहते सदा इसीमें अन्तर्गत
कभी कहीं कभी कहीं सब घूमते रहते हैं।
हम सब आते जाते रहते हैं कोई आगे कोई पीछे।
जैसे कभी सूर्य किरणें अम्बर में बिखरती,
तो कभी काले रेशम की चादर में चॉद का होता आगमन।
आकाश मंडल पर कभी सूर्यप्रकाश का साम्राज्य,
तो कभी चन्द्रमा फैलाता अपनी ज्योत्सना।
By Durga H Periwal
5.11.2020