"कर्मण्येवाधि कारस्ते माँ फलेषु कदाचन"
"कर्मण्येवाधि कारस्ते माँ फलेषु कदाचन"
Focus on your target
When an archer shoots without desire
He has all his skill
Aiming only his goal
The arrow is centered on the tip
He does not care about the result.
His skill remains intact.
When he makes a bird his target.
He is already nervous
His attention is disturbed
If he sees a fish's eye
His attention gets distracted
He sees two targets he is out of focus
His skill did not change but
He cares more to win than shoot
His attention gets distracted
Confused his goal.
जब एक तीरंदाज हार जीत
की इच्छा बिना साधता अपना
निशाना उसका लक्ष्य सिर्फ
बाण के सिरे पर होता केन्द्रित
परिणाम की नहीं उसे परवाह।
उसका हुनर पूर्ण रूप से रहता अक्षुण्ण।
जब वह पक्षी को बनाता अपना निशाना।
हार जीत की उलझन में पथांतर
हो जाता उसका कौशल।
यदि वह एक मछली की आंख
को निशाना बनाता अपना गन्तव्य
उसका ध्यान हो जाता विचलित
भ्रमित हो गया उसका लक्ष्य
उसका कौशल नहीं बदला परन्तु
जीत हार की तरफ हो गया उसका आकर्षण।
By Durga H Periwal
2021-4-13