Impact of Religion and Science in human life.
Impact of Religion and Science in human life.
I am to almighty for good
human life I am enjoying.
I have faith in science and religion.
Religion and science go hand in hand.
If we understand closely
Religion believes God is truth.
Science shows God exists.
If religion is afraid of science
then it dishonors God.
I am not scientist but
I believe science bring humans close to God.
Religion and science has no boundary.
Science is a product of experimentation
and religion is product of faith.
Although both are considered different,
Yet they’re closely related.
They are complementing each other.
God commands religion and science.
Science without religion is lame.
Religion without science is blind(Einstein)
The more I walk in the park under the old trees
and I see their beauty. Each tree has
different structure, shape,color and leaves
Moreover I am mesmerized of God's artistic work.
If God is willing to born in Prison and Barn yard
he can work in Bar, Brothel and Butcher shop,
and any work shops and anywhere.
We should be thankful that
we have good human life.
To live good life in the world is rarest.
Either believe life is a miracle or
we make our life miraculous.
Good friends good actions and
awaken consciousness is ideal life.
Sometimes in life we get confused
with our own created complicated questions
although their answers are simple.
आभारी हूँ विधाता की दिया है अद्भुत मानव जीवन।
धर्म और विज्ञान में रखती पूर्ण विश्वास।
मान्यता मेरी धर्म और विज्ञान चलते साथ-साथ।
बारीकी से अगर हम देखें और समझें
मेरी मान्यता है सत्य ईश्वर है सीखाता हमें मानव धर्म।
विज्ञान दिखाता कण कण में मौजूद है ईश्वर।
धर्म अगर डरता है विज्ञान से तो करता ईश्वर का अपमान।
मैं वैज्ञानिक नहीं हूँ लेकिन मेरा मानना है कि विज्ञान
इंसान को लाता है ईश्वर के क़रीब।
धर्म और विज्ञान है असीमित।
बुद्धि और प्रयोग की उपज है विज्ञान
विश्वास और आस्था की उपज है धर्म।
हालाँकि मानते हैं दोनों को अलग-अलग,
किन्तु दोनों है निकट के सम्बन्धी।
इक दूजे के हैं पूरक।
धर्म और विज्ञान की कमान है ईश हाथ।
धर्म बिना विज्ञान लंगड़ा,विज्ञान बिना धर्म अंधा(आइंस्टीन)
जब जब मैं पुराने पेड़ों को और उनकी सुन्दरता
को देखती हूँ प्रत्येक पेड़ की भिन्न भिन्न संरचना,
रंग और आकार और पत्तियों की बनावट उनका थिरकना
परम पिता परमेश्वर की कलात्मकता से होती मैं चकित।
सुना है कृष्ण ने जन्म लिया कैदखाने में
ईसा मसीह पैदा हुए खलियान में।
ईश्वर कहीं भी कर सकते हैं काम मधुशाला
हो या वेश्यालय मोची की दुकान हो या हो बुचरखाना।
आभारी रहें हम, मिला हमें सुन्दर मानव जीवन
संसार में सुख शान्तिमय जीवन जीना है दुर्लभ।
जीवन को मानें हम चमत्कार या बनायें हम जीवन को चमत्कारी।
मिले हमें सच्चे संगी साथी कर्म हमारे रहें उजागर।
आत्म जागृति करे हमारा मार्ग दर्शन आदर्श हो हमारा जीवन।
By Durga H Periwal
2022-2-6(FB)