Thursday 27 January 2022

Cosmopolitan cities

Cosmopolitan cities


Cosmopolitan cities

Today my pen defines on cosmopolitan cities.

The life and lights of the metropolitan cities

never sleeps and always illuminates.

The cities are dazzled with illumination 

of colourful advertisements in the nights.

These cities offer several attractive perks;

Universities,Shopping malls, Museums

Art galleries, architecture and archeology centre.

Music, theaters,Operas,Good hotel night clubs

Mostly nightclubs shines by elite class.

Restaurants and  cafe affordable food services 

like slice of pizza,pastas few more.

The Public transit system is good 

for the public to commute.

Beautiful national parks, Gardens,

Animal villages Gyms, 

Health services Good hospitals.

General hospitals Seniors centre.

Urban population increase every year.

Job opportunity are more in cities then rural areas.

City dwellers have higher risk of depression and 

anxiety, accidents, threatening of life.

As every year population grows in cities 

Cities should be better planned.

In high rise buildings people are more 

uncomfortable and less friendly.

Living in big cities people have less 

interaction with nature.

In metropolitan cities, workers earn their 

living by working in two shifts to 

make their livelihood.

आज लेखनी ने किया महनगरों

का बखान-

महानगरों की रोशनी सदैव रहती रोशन ।

इश्तहारों से चकाचौंध रहती नगरी।

महानगरों में जीना सरल नहीं,

न केवल आर्थिक रूप से

लेकिन शारीरिक रूप से

और मनोवैज्ञानिक रूप से।

महान शहरों में नगरपालिका करती उपलब्ध 

नाना प्रकार के मनोरंजन के आकर्षक साधन

रचती असीमित सुविधाएं ।

पुस्तकालय विविध प्रकार के ज्ञान, सूचनाओं, स्

रोतों, सेवाओ का संग्रहालय।

ज्ञान अर्जन का गहन भंडार यहाँ की विश्वविद्यालय।

महानगरों में श्रमिक दो पारी में करते श्रम

रोटी कपड़ा और रहने की व्यवस्था।

अभिजात वर्ग अपनी क्षमता के आधारित 

शान्त दत्त चित्त परिवार,समाज और देश

को करते सर्वोच्च नेतृत्व प्रदान।

कुलीन वर्ग से होती नाइटक्लब की रौनक़।

शान्त निशा के नशे में रहते ऐय्याशी में मगन।

सभ्रान्त समाज की महिलाओं की खरीदारी से विभिन्न 

प्रकार से जगमगाते शोपिंग सेन्टर।

संगीत,थिएटर, ओपेरा सबकी रौनक़ कुलीन समाज।

उच्चतम होटलों की शान शौक़त और रौनक़ उच्चवर्ग।

महानगरों में सभीवर्गों के लिये मनोरंजन के 

विभिन्न प्रकार के आकर्षण होते उपलब्ध ।

सार्वजनिक वर्ग के मनोरंजन के साधन

अनेक सुन्दर रेस्तोरेन्ट,आधुनिक ढाबे,कैफे 

पिज्जा सेन्टर सिनेमा हाल,स्केटिंग

बच्चे बुजूर्ग सबके लिये अनगिनत 

मनोरंजन की मिलती सहज ही सुविधाएँ।

पिज्जा पास्ता जैसी विभिन्न प्रकार की किफ़ायती 

खाद्य सामग्रियाँ सेवाएं सहज में रहतीं उपलब्ध।

सुंदर राष्ट्रीय उद्यान, उद्यान, पशु गांव, संग्रहालय, 

कला क्षेत्र दीर्घाएँ, स्वास्थ्य सेवाएँ अच्छे अस्पताल,

डाक्टर दवाखाना सब सुविधायें आसानी से मिलती।

शहरों की आबादी बढ़ती हर साल।

नौकरी के अवसर ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरों में अधिक।

शहरवासियों में अवसाद का खतरा अधिक चिंता, दुर्घटनाएं,

जीवन के लिए खतरा क़दम क़दम पर रहती खड़ा।

जैसे-जैसे शहरों में हर साल बढ़ती है जनसंख्या

शहरों की योजना होनी चाहिए बेहतर।

ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग ज्यादा रहते तनाव में।

असहज और कम मिलनसार।

बड़े शहरों में रहने वाले लोगों के पास वक्त रहता कम।

प्रकृति के साथ गुज़ारना दुर्लभ।

महानगरों में रोटी कपड़े का जुगाड़ तो मज़दूरी करके किसी न 

किसी तरीक़े से हो जाता है किन्तु रहने के लिये 

मकान की व्यवस्था होती अति कठिन।

By Durga H Periwal

2022-1-28