Sunday 19 January 2020


(दर्दभरी सच्ची घटना )
एक मित्र से ऐसी घटना सुनी अन्दर से मेरी रुह काँप गयी। 
यह घटना पंजाब के किसी गाँव की है-एक बेटा प्लान करके 
विदेश से गाँव गया कुछ दिन आराम से रहने के बाद 
उसने माँ से कहा माँ इस बार मैं तुझे अपने साथ ले जाऊँगा
तू मेरे साथ अपने पोता पोती के साथ विदेश में आराम से रहेगी।
यहाँ का खेत जमीन मकान बेच कर पैसा मां बेटा साथ ले जायेंगे। 
मां ने बहुत सोचा विचारा राजी नहीं हुई
किन्तु बेटे के आग्रह के आगे ममता झुक गयी।
पासपोर्ट टिकटें सब कुछ तैयार हो गये। 
गर्वीली मां गाँव वालों से खुशी खुशी बिदा हो आयी।
मां अपने बेटे के साथ अमृतसर हवाई अड्डा पहुंची। 
थोड़ी देर के बाद बेटे ने मां से कहा तू यहां बैठ मैं सामान तुलवा कर आता हूँ।
मां को एक बैंच पर बिठाकर बेटा सामान लेकर चला गया।
घंटों बीत गये मां टकटकी लगाये देर रात तक बैठी बाट जोहती रही।
जब बेटा नही आया तब घबरायी मां ने एक कर्मचारी से पूछा
भाई मेरा बेटा मुझे यहाँ बैठा कर गया अभी तक नही आया कैसे खोजूँ?
कर्मचारी ने कहा माताजी हवाई जहाज तो सब चले गये
यहाँ कोई भी जाने वाला मुसाफिर नहीं है
शायद आपका बेटा आपको छोड़ कर चला गया-आप अपने घर जाओ।
तड़फती हुई मां ने कहा हाँ भाई किसी घर तो जाऊँगी———

Son mom is not a toy
When you wanted played
Otherwise put her aside.
When she was near you 
She had soft pleasant feelings
Inside her.
You were everything for her 
When you were born
She had maximum joy. 
She forgot her comforts
But you are busy in your excited world
Doing everything for your pleasure
To make you happy
No time for her.
She is age-stricken
 Needs your support.
Desperate due to struggle of life.
She had
Hilarious feelings
You were aromatic world to her 
 You were her glory
But you dwell in your dream world 
No time for her 
Even then she
Shower blessings on you
All time praying God to protect you
 From this tough world.

बेटा माँ नहीं आपका खिलौना 
जब चाहा खेल लिया
नहीं तो उसे एक तरफ रख दिया।
जब आप होते हैं उसके पास 
 कोमल सुखद भावनाएँ 
थिरकती उसके अंदर।
 सब कुछ हो आप उसके लिए
जब आप पैदा हुए थे 
अत्युत्तम आनन्द हुआ उसे।
 भूल गई वह अपना सुख आराम
सब कुछ न्यौछावर किया आप पर।
किन्तु आप व्यस्त हैं इतने
 अपनी अपनी स्वपनों की दैनिक दुनिया में हो  व्यस्त
आपको सफलता और मनोरंजन के अतिरिक्त
आपके पास नहीं वक्त।
माँ उम्र से त्रस्त है
  उसको आपका साथ समर्थन चाहिए।
जीवन के संघर्ष के कारण वह है हताश।
जब आप उसके पास होते
उल्लसित भावनाएँ पनपती उसके अन्दर
आप उसकी साहस हिम्मत और हो पराग 
आप उसकी महिमा हो।
 आप बिचरते अपनी सपनों की दुनिया में 
उस ममतामयी के लिये समय नहीं।
फिर भी सदा सर्वदा वह
आप पर आशीर्वादों की करती वरषात
 ईश्वर से करती बन्दना।
  इस दुर्गम दुनिया में आप रहें सही सलामत।
By Durga H Periwal





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