"Our smile is past”
"Our smile is past
Seven days we rest in water.
Elegant long crystal vase
Occasionally water is changed.
Spread strong scegnt in her home
Seven days in a row.
Friends and visitors
whoever came,
Took long deep breath
And wanted to keep
Perfume forever within them.
We grew in her friend's
Garden and came to her
Place as a gift.
Her friend has hobby to garden
She takes good care of us.
A day came we observed disaster
Construction turned into deconstruction.
All our parts fall apart
Petals fall on the ground.
Part of Pollen fall in water
and part on the ground.
Sticks remain in the water.
She gathered all of us;
Petals from the ground
With pollen and sticks
And put us in the bag together.
We say good bye to her."
I was thinking one day my remains
Will be gathered and flowed in water.
This is the story of our lives.
We are sad to see
construction turn into deconstruction.
हमारी मुस्कुराहट अतीत है।
सात दिन हमने आराम किया
पानी में।
सुरुचिपूर्ण लंबे क्रिस्टल फूलदान में।
कभी-कभी जल का हुआ तबादला।
सारे घर में तेज महक ऐसी फैली,
अन्दाज़ जैसे इत्र की खुली रही कोई शीशी।
लगातार सात दिन,
मित्र स्वजन जो भी आए इनके घर,
लंबी गहरी साँस लेते और
ख़ुशबू को अपने भीतर रखने
का करते प्रयास।
हम इनके वरिष्ठ मित्र के बग़ीचे में हुए विकसित।
और उपहार के रूप में आये इनके घर।
इनके मित्र को फूलों और फलों में
है गहन शौक़।
वे हमारी पुलकित मन से करती देखभाल।
एक दिन आया हमने संभावित
आपदा का किया सामना।
बिछड़ गया पात पात अंग अंग।
पंखुड़ियां बिखरी जमीन पर
पानी में गिरा पराग कुछ,
गिरा कुछ जमीन पर।
पानी में खड़ी रह गयीं ड़डियॉ।
इन्होंने हम सभी को एकत्रित
किया एक साथ
पंखुड़ियाँ पराग डंडियॉ।
और हम सबको रख दिया बैग में।
हम इन्हें कह रहे अलविदा। ”
व्यथित मन से कर रही एकत्रित
मेरे मन लुभावने फूलों
को कर रही विदा।
सोच रही थी मैं मन ही मन
ऐसे ही एक दिन मेरे अवशेष
मेरे प्रियजन करेंगे एकत्रित
करेंगे सागर में प्रवाहित।
यह हम सबकी है जीवन कथा
फिर भी होता शोक और होती व्यथा।
Durga H Periwal
30.7.2020(FB)
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