The Homeless said-
The Homeless said-
I am destitute
Everybody is afraid of me
Everyone lives away from
They all know I have
nothing to give them.
That is why no one wants
anything from me.
How nice they are not to
expect from me.
I don't have to say
no to them.
Nor do I have courage
To ask for something
from someone.
Interact with people
And I have not lost hope of behavior.
The only complaint I have
That I have no chance to be ashamed.
Collection of my own scattered thoughts
Live with me destitute and worthless.
So when I live alone
Even then I prejudiced these ideas
remains my friends
And entertain me.
A human is never alone.
Real solitude from our favor
Stays away from us.
Heard from someone
I wrote
Will read my friends.
निराश्रित ने कहा-
निराश्रित हूँ मै बेकार हूँ
सब मुझसे घबराते हैं
दूर रहते हैं सब जानते हैं
मेरे पास उनको देने के लिये कुछ नहीं
इसलिये मुझसे कोई कुछ चाहता नहीं ।
कितना अच्छा है कोई
मुझसे कुछ माँगता नहीं
मुझे ना करना ही नहीं पड़ता।
नही मैं किसी से कुछ मॉगता
और न ही मेरे पास साहस
किसी से कुछ मांगने का।
लोगों के साथ बातचीत
और व्यवहार की नहीं खोई उम्मीद मैने।
मेरे पास एकमात्र शिकायत है
कि मेरे पास शर्मिंदा होने का कोई मौका नहीं।
मेरे अपने बिखरे हुए विचारों का संग्रह
मुझ निराश्रित और बेकार के साथ रहते हैं।
इसलिए,जब मैं अकेला रहता हूँ
तब भी मैं इन विचारों के पूर्वाग्रहों
से मुक्त नहीं होता।
ये मेरे संगी साथी बने हुए हैं
और मेरा मनोरंजन करते हैं।
विचारों का संग्रह अन्त तक
हमारे साथ रहते हैं।
आदमी कभी अकेला नहीं होता।
असली एकांत हमारे पक्षपात से
हमसे दूर रहता है।
सुना किसीसे
लिखा है मैंने
पढ़ेगें मेरे मित्रगण।
By Durga H Periwal
21.8.2020
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