FEAR
FEAR
Fear is weaker side of us.
Fear pulls us back from life.
Fear is everywhere in life.
Fear has large shadow
but fear itself is very small.
Fear is product of our mind
Fear should not control us.
My father in law use to saying us
when fear is in front of you
fight out and cease it out.
Last year with my friend
I had gone to Cathedral grove
wow! what a wonderous peaceful
refreshing atmosphere!!
I admire tall ancient trees.
Some of them touch shoulders
of each other and I noticed their
underneath growth of new trees;
as if mothers are taking care of their kids.
I reverence the trees how fearlessly
they live in forests and groves.
They live in group and stand alone too.
While watching the trees
clouds of thoughts came in my mind
We should be brave and face problems
like these brave trees.
No one could stop their growth.
No one can take our fate Why to fear?
Drops of water preaches us
look at us fearlessly we merge
into the ocean and become part of the ocean.
The Moon is gentle and brilliant fearlessly sits
in a corner of the sky and spreads brilliance
all over the universe glitter like silver.
The sun is fearlessly shine its own strength
no one can look at the sun directly.
Flowers are soft but fearlessly
smiles at sun and grow.
Wind fearlessly freely
blow everywhere; wind has no fear
of the sun and the moon sky or clouds.
डर
हमारा कमजोर पक्ष है डर।
हमारे जीवन में बाधा बनता है डर।
जीवन में डर हर जगह है व्यापक।
डर की छाया होती है बड़ी,
किन्तु डर स्वयं होता है छोटा।
डर हमारे दिमाग की उपज है
हम वीर बने धीर बने डर हमें नियंत्रित न करे।
मेरे ससुर हमसे कहते थे कि जब डर
तुम्हारे सामने हो तो लड़ो और उसे खत्म करो।
पिछले वर्ष मैं कैथेड्रल ग्रोव गयी थी घूमने
क्या अद्भुत प्राकृतिक नज़ारा था वहॉ का
शांतिपूर्ण ताज़ा वातावरण मेरे दिल में गहरी छाप छोड़ दी।
सौंधी माटी की खुशबू और प्राचीन पेड़ों की शान
हृदय से हो गयी मैं उनकी क़द्रदानों।
उनमें से कुछ पेड़ एक-दूसरे के कंधे से कंधा
मिलाकर इत्मिनान से खड़े नजर आ रहे थे।
मैंने देखा कि उन पेड़ों के तले नए पेड़ उठा रहे अपना सर
ममता से बडे पेड़ दे रहे उन्हें पनाह जैसे कि
मॉ अपने बच्चों की कर रही देखभाल ।
मैं पेड़ों का सम्मान करती हूं कि वे जंगलों
में अन्य पेड़ों के साथ स्वाभिमान से खड़े है निडर।
वे समूह में भी रहते हैं और बेधड़क खड़े हैं अकेले
पेड़ों को देखते हुए मेरे मन में विचार उठ रहे थे
हमें भी बहादुर रहना चाहिये और
इन बहादुर पेड़ों की तरह अपनी
समस्याओं का सामना करना चाहिए।
उनके विकास को कोई नहीं रोक सका
हमारी तकदीर भी कोई नहीं ले सकता
फिर हम डरते क्यों ?
पानी की बूँदें हमें उपदेश देती हैं कि निडर होकर
देखो हम सागर में विलीन हो जाते हैं
और सागर का हिस्सा बन जाते हैं।
चन्द्रमा कोमल और तेजस्वी निडर होकर
आकाश के एक कोने में विराजमान है
और पूरे ब्रह्मांड में चाँदी की तरह चमक बिखेरता है।
सूर्य निर्भय होकर अपनी शक्ति से चमक रहा है,
कोई भी सीधे सूर्य की ओर नहीं देख सकता।
फूल नरम होते हैं लेकिन निडर होकर
सूरज पर मुस्कुराता है और बढ़ता है।
हवा निर्भय होकर हर जगह बहती है;
हवा को सूरज और चाँद आसमान
या बादलों का कोई डर नहीं।
By Durga H Periwal
2021-11-1
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