Miraculous morning!
Miraculous morning!
This is before dawn
Serene morning!
What a beautiful time!
No sound of rain water
It seems rain is tired
Taking rest and stopped.
No rain no water.
No sound of storm (toophan)
Neither birds fluttering
No music of robins
Footpaths are empty
(no one walking)
No rustle no bustle
Just me and my thoughts
are with me,
What a beautiful time!!
The name is blue sky
but it is absolutely dark
Empire of darkness.
The sun is away do not know
When will he come?
The redness is far away
from the horizon.
How much should I say the
The earth has found peace.
There is relief from clamor.
She is resting in diamond
pearl studded shiny black
comforter.
The earth must be happy
under the beautiful comforter
The land is full of peace
Joy of unique atmosphere
The inner mind sunk in tranquility.
भोर का समय है क्या कहूँ मैं
इस वक्त की शालीनता का
कितना मनोहर वक्त है।
लगता है बरसते बरसते
वर्षा के घुँघरू थम गये
न वर्षा के घुँघरू की छमछम
न तूफ़ान का बवंडर
न पत्तो की खरखराहट
न डालियों का नृत्य
न पक्षियों की फड़फड़ा हट
न गौरिया का संगीत
न पगड़डियों पर पदचाप
न गाड़ियों की सरसराहट
सिर्फ़ मैं और मेरे विचार
मेरे साथ है।
कितना सुन्दर वक्त है।
नाम नील गगन है किन्तु
अँधियारे का साम्राज्य है।
भास्कर का पता नहीं
अभी तो क्षितिज से
लालिमा अति दूर है।
कितना करूँ बखान
पृथा को मिली है शान्ति
कोलाहल से मिली है राहत।
हीरे मोती जड़ी चमकीली स्याह
दोहड़ में कर रही आराम।
जल थल गगन सब हैं शान्त
अनुपम वातावरण का आनन्द
निर्मल लगता अन्तर मन।
By Durga H Periwal
16.11.2020
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