सुख और दुःख का संगम
सुख और दुःख का संगम
In this world every day
some people try all possible way
to extend their love and resentment
on others.we get great experience
of confluence of joy and sorrow.
Repeatedly we blame our bad luck
for catastrophe and hardship
we face in our life.
Pain and sorrow and misery
has right to our assistance
Compassionate puts us mind of debt
Every human has secret sorrow and
deep wound which no one can see
Pain is inevitable suffering could be optional
If we know how to override our joy of yesterday
If we are aware of pain of our sorrows
And suffering we can be disarmed of our anger.
इस दुनिया में प्रत्येक दिन कुछ लोग
अपना प्यार और ग़ुस्सा दूसरों पर
उतारने का हर संभव करते हैं प्रयास।
हमें सुख और दुःख के संगम का बहुत
अच्छा अनुभव होता है जीवन में ।
जब जब हम कठिनाई और तबाही का
अनुभव करते हैं अपनी किस्मत को देते दोष।
भूल जाते हैं हमारे दुख दर्द हमारी मानवीय
विनम्रता धैर्य और समभाव में बनते सहायक।
करुणा विश्वसनीयता और शांति
से प्रेरित रहेंगे हम क्षमाशील।
प्रत्येक मानव में आन्तरिक गुप्त दुःख
और गहरे जख्म छिपे होते हैं
जिन्हें कोई नहीं देख सकता।
दर्द अपरिहार्य है हो सकता है
हमारा दर्द हो सकता है वैकल्पिक ।
अगर हम दुःख दर्द को वाक़ई में करना चाहते हैं कम
याद करे हम एक अनाथ बच्चे के चेहरे की मुस्कान।
अगर हम अवगत हैं अपने दुख और पीड़ा से
तो हम अपने क्रोधाग्नि को कर सकते हैं शान्त।
By Durga H Periwal
2021-5-8
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