Dependency
Dependency
True happiness is
to enjoy the present,
Dependency on future
Is uncertain create confusion.
Don’t depend too much
On anyone in the world.
Even own shadow leaves
When you’re in darkness.
Dependence on others
Bring disappointment
And growth get lost.
Dependence suffocates
Germs of wisdom.
Dependency creates fear
Suspicion and frustration.
सच्चा सुख है वर्तमान में
लें ले आनंद वर्तमान का।
भविष्य पर न हों हम निर्भर।
अज्ञात भविष्य पर निर्भरता
हमें देती असमंजस का घेरा।
दुनिया में बहुत अधिक निर्भर
न हों हम किसी पर।
हमारी परछाई भी हमें छोड़
देती है जब हम होते अंधेरे में।
दूसरों पर निर्भरता जीवन में
देती निराशा की सौग़ात।
रुकता हमारा विकास
निर्भरता से रुकती समृद्धि
बुद्धि का घुट जाता गला।
निर्भरता बनाती कमजोर
हृदय में उत्पन्न होते ,
भय संदेह और हताशा।
By Durga H Periwal
2021-2-28
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