I was walking aimlessly in the corridor
Like a cloud from one end to other end.
My mind was trapped in a web of
Complications,Confused and
Heart wandering like clouds.
Spirit is grievous and depressed
After the departure of my beloved
Inner soul was crying tumbling
Making sound like thunder storm.
From the scattered black clouds
Could see a soft golden sun ray
In the spilling water.
Blue lotus flower blooming in the pond
On the leaves of the lotus
Dew floating like pearls.
Near by in a house echoed with
giggling of a newly born child
Members of the family merrily
Singing playing music and dancing.
In life we have mixed feelings of emotions.
Life is a confluence of happiness and sorrows.
मैं बादलों की तरह चक्कर लगा रही थी
गलियारे में एक छोर से दूसरे छोर तक।
उलझनों के जाल में फँसा हुआ मेरा मन
असमंजस हृदय, बादलों की तरह भटकता मन।
प्रिय की बिदाई के बाद आकुल व्याकुल हृदय
अन्तर की घबराहट जैसे बादलों की घड़घड़ाहट।
अश्रुघारा बह रही जैसे नभ से बरष रहा जल।
छँटते काले बादलों के बीच दिख रही एक
कोमल सुनहरी हल्की सूर्य किरण
झलक रही छलकते पानी के अन्दर।
निकट सरोवर मे खिल रहे नील कमल
मोती सम तैर रही श्वेत बिन्दु पत्तों पर।
नन्हें बालक की किलकारी गूँज रही दूर
हर्ष विभोर परिवार सभी हो रहे मगन
गोष्ठी का आयोजन बज रहा मधुर संगीत।
अनुभूतियों का अालाप गुनगुना रहा
जीवन है सुख दुख का संगम।
By Durga H Periwal
22.9.2019 (FB)
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