Magnificent Dawn
Magnificent Dawn
Morning glory is
the best part of the day.
The rising sun is up
The sky is blue, below
the dawn is ahead.
The morning breeze is blowing
Swing spreads perfume
All over whither fearlessly.
I am looking around
Trying to understand.
What is happening
around me right now.
There is a Hindu temple near by
Clanking sound come
from the temple bells.
Soothing ecstatic hymes
Sung by the devotees.
They are Playing flute,drums
and conch shells.
The ultimate in melody
Radha's lamentation with joy
Hearing sarcough,Lord Krishna said
"Why Radha mourns I am with her every moment. "
Unique knotted flower garlands offered
by the devotees showing their love respect
Performing prayers with both folded hands.
There is a spark in worshiping people.
Devotees worshiped with chant mantras
Awakening to humans
Stay grateful The God again
Sent beautiful gift of sun rays
Brought the fabulous golden sheet
The sky is all over shining.
The humans think with new morning
we have to shape our planned day activities.
By playing bighorn sparrow,
Doing its duty towards humans
Whistle to wake them up and thanking them
Humans are kind to birds to give food and water.
Rope trees and bushes to make their nests.
Those who are sleeping till the little bird
Morning raga(Bhairavi)whistle them
"If you want to live joyous life, open your eyes
Enjoy morning glory.Open your eyelids
Now we flutter in the sky in search of food.
Otherwise we are going to be late.
We wish you we greet you dear Human."
अरुणोदय का समय
दिन का सबसे उत्तम हिस्सा।
उदित हुआ सूरज ऊपर
आसमान है नीला,नीचे
दिन है अलबेला।
झूमती झूलती खुशबू बिखेरती
जिधर चाहती निडर
उड़ रही भोर की हवा।
मैं चारों ओर देख रही ग़ौर से
समझने की कर रही चेष्टा ।
प्रयास मेरा सुनु पूरी लगन से,
इस वक्त क्या हो रहा मेरे आसपास।
अनुमान मेरा लगता किसी नज़दीक
मन्दिर से घन्टों की ध्वनि के साथ
शंख नगाड़े बजा रहे भक्त गण।
मधुर स्वर बंशी की धुन पर परम
आनन्द से दर्शनार्थी गा रहे राधा का विलाप-
सिसक सिसक कर बोले कान्हा-"
राधा तू क्यों करती विलाप
मैं तो हर पल तेरे पास रे"।
भक्तों द्वारा अनोखी गूँथी हुई
फूलों की माला की भेंट ईश्वर के सम्मान में।
हस्त शिल्प कला के प्रदर्शन से
दर्शनार्थियों का गद्गगद् हुआ हृदय।
भक्तों ने मंत्रों के साथ पूजा की विधि की समाप्त।
परमपिता परमेश्वर का कर रहे आभार प्रकट।
सूरज की लालिमा छायी अखिल जगत
में किरणों का मिला भव्य उपहार।
हम जीव जगत हैं आभारी।
शानदार सुनहरी चादर लाया सूर्य
जगमग हुआ नील गगन।
इंसान नई सुबह के साथ सोचता है नये दिन की
नियोजित गतिविधियों को देगा आकार ।
मनुष्यों के प्रति अपना कर्तव्य निभा रही है गौरैया।
उन्हें बता रहीं हम दें रहीं आपको धन्यवाद और आशीर्वाद।
आप करुणावान हमें देते दाना पानी।
वृक्ष झाड़ियॉ लगाते देते हमें आसरा।
चिड़िया अब तक सो रहे मानवों को बगुल
बजाकर सुना रही थी भैरवी।
यदि आप जीवन का आनन्द लेना चाहते हैं,
तो हे मानव! खोलो अपने नयन पलट कर देखो
सूर्य देव की प्रभात फेरी।
हमें दो विदा हमें तो दाना पानी की तलाश में
फर्रफर्र आकाश मार्ग में अब उड़ना होगा।
By Durga H Periwal
2021-4-2
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